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नये संसद भवन का इतिहास

नये संसद भवन का इतिहास (PM Narendra Modi) ने सोमवार 11 जुलाई को संसद के नए भवन (New Parliament Building) की छत पर 20 फीट ऊंचे अशोक स्तंभ का अनावरण किया. हाशिए की राजनीति कर रहे विपक्ष ने संसद के नए भवन पर राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ पर एक नया विवाद खड़ा करने की कोशिश की. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि नए अशोक स्तंभ में शेर को आक्रामक दिखाया गया है, जबकि असली चिह्न में शेर सौम्य दिखाई देता है शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बारे में विपक्ष के दावों की पोल खोलते हुए कई टवीट करते हुए कहा कि सारनाथ में मूल अशोक स्तंभ की ऊंचाई 1.6 मीटर है, जबकि नए संसद भवन की छत पर लगे स्तंभ की ऊंचाई 6.5 मीटर है. यदि हम नए भवन की छत पर मूल स्तंभ की रेप्लिका रखते तो ये शायद छत की दीवार से बाहर दिखाई ही नहीं देती.  विस्टा चौतरफा विकास का प्रतीक बनेगा पीएम मोदी ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के संबंध में कहा था कि अगर पुराने संसद भवन ने आजादी के बाद के भारत को दिशा दी तो नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत के सृजन का गवाह बनेगा. संसद का शिलान्यास करने के बाद पीएम मोदी ने अपने भाषण में सेंट्रल विस्टा का जिक्र करते

भारत की राजनीति

  भारत की राजनीति (Indian Politics) संविधान के ढाँचे में काम करती हैं। जहाँ पर राष्ट्रपति देश का प्रमुख होता हैं और प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता हैं। भारत एक संघीय संसदीय, लोकतांत्रिक गणतंत्र हैं, भारत एक द्वि-राजतन्त्र का अनुसरण करता हैं, अर्थात, केन्द्र में एक केन्द्रीय सत्ता वाली सरकार और परिधि में राज्य सरकारें। संविधान में संसद के द्विसदनीयता का प्रावधान हैं, जिस में एक ऊपरी सदन (राज्य सभा) जो भारतीय संघ के राज्य तथा केन्द्र-शासित प्रदेश का प्रतिनिधित्व करता हैं, और निचला सदन (लोक सभा) जो भारतीय जनता का प्रतिनिधित्व करता हैं, शासन एवं सत्ता सरकार के हाथ में होती है। संयुक्त वैधानिक बागडोर सरकार एवं संसद के दोनो सदनों, लोक सभा एवं राज्य सभा के हाथ में होती है। न्याय मण्डल शासकीय एवं वैधानिक, दोनो से स्वतंत्र होता है। संविधान के अनुसार, भारत एक प्रधान, समाजवादी, धर्म-निरपेक्ष, लोकतांत्रिक राज्य है, जहां पर सरकार जनता के द्वारा चुनी जाती है। अमेरिका की तरह, भारत में भी संयुक्त सरकार होती है, लेकिन भारत में केन्द्र सरकार राज्य सरकारों की तुलना में अधिक शक्तिशाली है, जो कि ब्रिटेन

वामपंथ एक कैसर है

नमस्कार,                 आज मै भारत में अलग विचारधारा की बात करने जा रहा हूँ वो है वो देश विरोधी वामपंथ, यह ऐसी विचार धारा है जो देश में देश के विरोध में अलग रवैया रखता है समस्या यह है ऐ ताकते गरीबों को अपना हथियार बनाते हैं, गरीब बेचारा भोला भाला होता है जो वामपंथियों के विचारों में फस जाता है,                मैने अपने जीवन के कालखंड में अनुभव कर रहा हूँ ये विचार धारा देश के लिए नासूर है देश के अलग अलग हिस्सों में फैला हुआ है.                वामपंथियों की एक काट एक ही विचार धारा है वो है राष्ट्रवाद, राष्ट्रवाद देश के एक बड़े जनसंख्या को जन जन तक पहुँच कर देश के लिए, देश के हितो के लिए, देश के सर्वांगीण विकास के लिए और देश के विकास के लिए राष्ट्रवाद बहुत जरुरी है!  धन्यवाद 🙏                         

नीति के आधार पर आंकलन

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राजनैतिक एजेंडा

  राजनैतिक एजेंडा:-   नमस्कार:- राजनीतिक एजेंडा  एक राजनीतिक एजेंडा विषयों या समस्याओं (मुद्दों) जो करने के लिए की एक सूची है सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ बाहर के व्यक्तियों सरकार किसी भी समय पर गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं। राजनीतिक एजेंडा को अक्सर राजनीतिक और नीतिगत अभिजात वर्ग द्वारा आकार दिया जाता है , लेकिन यह सक्रिय समूहों , निजी क्षेत्र के पैरवीकारों , थिंक टैंक , अदालतों , विश्व की घटनाओं और राज्य के केंद्रीकरण की डिग्री से भी प्रभावित हो सकता है । [१]  [२] मीडिया कवरेज को राजनीतिक दलों के उदय की सफलता और एजेंडा पर अपने विचारों को प्राप्त करने की उनकी क्षमता से भी जोड़ा गया है।  [३] हालांकि मीडिया का अक्सर राजनीतिक एजेंडे पर प्रभाव पड़ता है, लेकिन ये परिणाम हमेशा तत्काल नहीं होते हैं, जो राजनीतिक एजेंडे में पिछड़ सकते हैं।