कांग्रेस की मनोदशा पर कांग्रेस खुद जिम्मेदार
"देश के मैकेनिकों का जरूरी है सशक्तिकरण ' - राहुल गांधी कांग्रेस को लगता है कि किस्मत ही खराब है। हर तरह का टोटका कर रही है पर नतीजा जीरो बटे जीरो हो जाता है। पिछले दिनों करोल बाग की बाइकर्स मार्केट में घुसकर रिंच पेंचकस लेकर मोटरसाइकिल की मरम्मत करने लगे थे पर उसमें मजाक का पात्र बन गए। टोटका काम नहीं आया। यह तो मीडिया विभाग ने बाद में बताया कि यहां वह सुपर मैकेनिकों के एक ग्रुप से चर्चा किया था जो अब खुलकर सामने आया है। सोचा होगा कि जैसे 2014 के चुनाव में मोदी ने चाय पर चर्चा की थी और जिसका सकारात्मक परिणाम निकला था वही यहां भी फिट बैठेगा पर ऐसा हुआ नहीं और इसका कारण यह है कि राहुल गांधी एक राजकुल के राजकुमार हैं कोई आम आदमी नहीं। इसीलिए जनता इस तरह टोटकों को मजाक में ले लेती है। कोई भाव नहीं देती। आगे आगे देखिए होता है क्या।अभी तो किसी स्कूल में जाकर पढ़ाएंगे। किसी गटर में घुसकर सफाई कर्मचारियों से बात करेंगे। खाली दिमाग शैतान का घर होता है।अभी तो बहुत कुछ करना है।बरसात का मौसम है और ऐसे मौसम आश्चर्य नहीं कि भाई साहब किसी दिन छाते की मरम्मत करते नजर आएंगे। हाय री राजनीति क