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मोदी बनना आसान नहीं।

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मोदी बनना आसान नहीं है  नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब दो मौकों पर उनसे कोई भी व्यक्ति जाकर मिल सकता था ...पहला मौका होता था गुजराती नव वर्ष जो दीपावली के अगले दिन होता है इसे बेसता वर्ष कहते हैं और दूसरा मौका सिर्फ महिलाओं के लिए होता है जो रक्षाबंधन के दिन होता है,  इन दोनों अवसर पर मोदी जी अपने आवास पर एक स्टेज पर खड़े हो जाते हैं और कोई भी व्यक्ति नव वर्ष के दिन उन्हें नव वर्ष मंगलमय हो बोलकर आगे चला जाता है रक्षाबंधन के दिन कोई भी महिला उन्हें स्टेज पर जाकर राखी बांध सकती थी ..  एक बार रक्षाबंधन के दिन उनकी सगी भतीजी स्टेज पर पहुंची और राखी बांधते हुए बोली काका मैंने बीएड कर लिया है मेरे लिए कोई टीचर की नौकरी मिल जाती तो अच्छा रहता.. मोदी जी ने उसे सब के सामने स्टेज पर कहा बेटी यहां जितनी  महिलाएं बैठी है सभी मेरी बहन है सभी लड़कियां मेरी भतीजी है ..इतना बोल कर उन्होंने उसे ₹101 दे कर विदा कर दिया,,  इसीलिए मैं नरेंद्र मोदी का कट्टर समर्थक हूं और बार बार कहता हूं मोदी बनना आसान नहीं है।