SUCCESS TO NATION

 They always have an excuse for not celebrating the success of the Nation.


मतलब..'उन' लोगों के पास हमेशा ही बहाने होते हैं, देश की सफलता पर खुश ना होने के.


देश की GDP बढ़ गयी... तो Per Capita पर हल्ला मचाएंगे.


जब मैं कहूँगा कि पिछले आठ साल में Per capita Income में 50% का उछाल आया है... तब कहेंगे कि HDI index में पीछे हैं.


जब मैं कहूँगा कि HDI में पिछले कुछ सालों में सुधार है, तब कहेंगे कि Hunger Index में भारत पीछे है.


जब मैं कहूँगा कि Hunger Index में हम बुरे हैं, तो हमसे कहीं ऊपर Ranking वालों के पेट हमारा देश क्यों भर रहा है??


फिर ये लोग कहते हैं कि Happiness Index में हम पीछे हैं.... फिर मैं इन्हे तथ्य देता हूँ कि इस index में हमसे 100 ranking ऊपर वाले देश कंगाल हो गए... वहाँ पेट्रोल डीज़ल के लिए पांच पांच दिन लोग line में लगते हैं... कई देश तो ऐसे हैं जहाँ घर से बाहर निकलने के बाद जिन्दा आने की गारंटी नहीं.... लेकिन वह भी Happiness Index में हमसे आगे हैं... ऐसा क्यों?


फिर इन्हे कुछ नहीं सूझता तो बस अम्बानी अडानी वाले ट्रैक पर आ जाते हैं बेचारे..... क्योंकि जितनी चाबी भरी राम ने.. उतना चले खिलौना वाला हिसाब है...... जितना Whatsapp यूनिवर्सिटी पर पढ़ा है.. उतना उगल देते हैं.... उससे दाए बाए पूछ लो तो निल बटे सन्नाटा हो जाता है.


Co-vid का समय याद कीजिए... कैसी कैसी बातें होती थी.... भारत को सभी को vaccine लगाने में 5,10,20 साल लगेंगे.


फिर कोई चीन समर्थित मैगज़ीन के आंकड़े ले कर कहानी बनाई जाती थी कि भारत में 60 लाख लोग मरेंगे... कोई कहता था 10 करोड़ मर जाएंगे...


फिर आंकड़े पर आते थे तो Doze Per Capita की बात होती थी... भारत उसमे अच्छा करता था, तो Doze Coverage % की बात करने लगते थे.... जब भारत ने उसमे अच्छा किया तो Double Doze coverage का parameter ले आए....

जब हम उसमे अच्छा करने लगे, दूसरे देशों को पीछे छोड़ने लगे... तब Booster Doze % पर हल्ला मचाने लगे.


यह लोग कुंठित हैं... इन्हे यह हजम ही नहीं हो सकता कि हम एक देश के तौर पर अच्छा कर सकते हैं..... देश कोई भी अच्छा काम करता है, तो बधाई देने या खुश होने के बजाय यह लोग बहाने ढूंढते हैं देश की बुराई करने के.


यह तो वही बात हो गयी..... कि आपके बच्चे का result आए, merit में उसका नाम आए...और आप उसे डंडे से मारने लगे.. क्यूंकि वह एक दिन स्कूल पहुंचने में 2 मिनट late हो गया था...... ऐसी ही स्थिति इन लोगों की है.


और यह सब कुछ सिर्फ इसलिए कि देश पर इनके मन विपरीत इंसान का शासन है... इनकी विचारधारा के विपरीत वाले देश चला रहे हैं.


यह लोग हमें भक्त बोलते हैं... जो सही भी है... हम देशभक्त हैं... देश की हर उपलब्धि पर खुश होने वाले हम लोग हैं..... मुझे कांग्रेस से नीतिगत समस्या है..... लेकिन कांग्रेस के शासन में देश ने कोई उपलब्धि प्राप्त की है, तो उसका खुले दिल से स्वागत किया है.....


यही फर्क है देशभक्त में और जलकुकड़ो में.


यह लोग जलते ही रहेंगे.... कल को Per Capita income 10000 USD हो जायेगी तो रोने लगेंगे कि 50,000 क्यों नहीं है....50,000 हो जायेगी तो कहेंगे कि XYZ, koda लहसुन index में score कम क्यों है......


जो लोग देश की ख़ुशी में खुश नहीं, वो मानसिक रूप से बीमाऱ हैं.... और दुर्भाग्य की बात है, कि मानसिक बीमारों का कोई index हो तो उसमे भारत सबसे ऊपर होगा....2014 के बाद तो संख्या एकदम से बढ़ी है.


Note: कृपया k को L पड़े समझ जायेंगे

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